दिल - ए - नादाँ तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है
हम हैं मुश्ताक और वोह बेज़ार
या इलाही ! यह माजरा क्या है
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है
जब की तुझ बिन नहीं कोइ मौजूद
फिर ये हंगामा "ए खुदा !" क्या है
हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ
मैं नहीं जानता दुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है
हम हैं मुश्ताक और वोह बेज़ार
या इलाही ! यह माजरा क्या है
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है
जब की तुझ बिन नहीं कोइ मौजूद
फिर ये हंगामा "ए खुदा !" क्या है
हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ
मैं नहीं जानता दुआ क्या है